राजसमंद घणा बेड़ा माताजी मंदिर: एक चट्टान पर बना 100 साल पुराना चमत्कारिक धाम
राजस्थान (Rajasthan) के राजसमंद जिले (Rajsamand district) में घने जंगलों और ऊंची पहाड़ियों के बीच स्थित है घणा बेड़ा माताजी का मंदिर (Ghana Beda Mataji Temple)। यह मंदिर लगभग 100 साल पुराना है और अपनी अनोखी संरचना और धार्मिक आस्था के कारण प्रसिद्ध है।
मंदिर की विशेषता
इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक ही चट्टान (single rock) पर बना हुआ है। लगभग 1000 फीट ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। ग्रामीणों के साथ-साथ अब दूर-दराज़ से भी हजारों लोग यहां दर्शन करने आते हैं।
डूंगाजी दादा और मंदिर की कथा
गांव के बुजुर्गों और स्थानीय लोगों का मानना है कि इस गांव का नाम डूंगाजी का गांव डूंगाजी दादा के नाम पर पड़ा। कहा जाता है कि डूंगाजी दादा को स्वयं घणा बेड़ा माताजी (Mataji) ने दर्शन दिए थे। इसके बाद उन्होंने यहां पर मंदिर की स्थापना की और पूजा-अर्चना शुरू की।
श्रद्धालुओं की आस्था
लोगों का विश्वास है कि यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से आता है और मनोकामना करता है, उसकी इच्छा पूरी होती है। वहीं यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से नहीं आता, वह इस ऊंची चट्टान पर चढ़ नहीं पाता।
परंपराएं और परिवर्तन
पहले यहां पर पाड़ों की बली (animal sacrifice) दी जाती थी, लेकिन अब यह परंपरा बदल गई है। अब केवल उनके कान छेदकर उन्हें लक्ष्मण सागर तालाब (Laxman Sagar Lake) के पास जंगल में छोड़ दिया जाता है।
भादवे की तेरस पर मेला
हर साल भादवे की तेरस (Bhado Teej) पर यहां दो दिन का मेला लगता है। इस मेले में करीब 20,000 से ज्यादा श्रद्धालु (devotees) शामिल होते हैं। वर्तमान में ग्रामीण और पूर्व सरपंच भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में पूरे गांव ने मिलकर मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया है।