कृषि सम्मेलन गौचर में किसान बड़ी संख्या में शामिल हुए, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि उत्तराखंड के किसान बदलते कृषि परिदृश्य को अपनाने के लिए उत्साहित और तैयार हैं। यह सम्मेलन केवल एक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि किसानों के लिए भविष्य की दिशा तय करने वाला महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य में कृषि नीतियों को नई गति मिली है। पारंपरिक खेती के साथ-साथ अब आधुनिक तकनीक, स्मार्ट सिंचाई, जैविक खेती, और डिजिटल एग्रीकल्चर जैसे क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
सम्मेलन में यह संदेश स्पष्ट रूप से दिया गया कि कृषि केवल उत्पादन का माध्यम नहीं, बल्कि सम्मान, स्थिरता और नवाचार से जुड़ा एक सशक्त आर्थिक स्तंभ है। सरकार का उद्देश्य किसानों को सिर्फ उत्पादक नहीं, बल्कि “कृषि उद्यमी” के रूप में विकसित करना है।
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने किसानों को नई योजनाओं, सब्सिडियों और आधुनिक खेती तकनीकों के बारे में जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया गया कि कैसे वैज्ञानिक पद्धतियों और सही बाजार प्रबंधन से किसान अपनी आय कई गुना बढ़ा सकते हैं।
राज्य सरकार ने भी यह आश्वासन दिया कि आने वाले समय में:
• कृषि अवसंरचना को मजबूत किया जाएगा
• जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा
• बाजार तक किसानों की सीधी पहुंच सुनिश्चित की जाएगी
• युवाओं को कृषि स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा
इन पहलों का मुख्य उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर, सशक्त और आर्थिक रूप से समृद्ध बनाना है।
कृषि सम्मेलन गौचर ने यह साबित कर दिया कि सही नीतियों, तकनीक और मार्गदर्शन के साथ उत्तराखंड का कृषि क्षेत्र नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है।
