उत्तरकाशी, 5 अगस्त 2025:
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव (हर्षिल के पास) में मंगलवार दोपहर करीब 1:45 बजे भारी बादल फटने की भयावह घटना हुई, जिसने पूरे इलाके में तबाही मचा दी। अचानक आए तेज पानी और मलबे ने गांव को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 50 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं।
प्राकृतिक आपदा के चलते गांव में मौजूद करीब दो दर्जन घर और 20-25 होटल व होमस्टे या तो बह गए या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के समय चारधाम यात्रा और तीर्थ सीजन के चलते इलाके में बड़ी संख्या में पर्यटक व स्थानीय लोग मौजूद थे, जिससे लापता लोगों की सटीक संख्या का पता लगाना फिलहाल मुश्किल है।
घटना की सूचना मिलते ही सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) की टीमें तुरंत राहत व बचाव कार्य में जुट गईं। सेना की हर्षिल यूनिट के 150 जवान महज 10 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचे, और अब तक 15-20 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। घायलों को सेना की एंबुलेंस के माध्यम से इलाज के लिए भेजा गया है।
मौसम की खराबी और भारी मलबे के कारण राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। प्रशासन ने लोगों से नदियों के किनारे न जाने और अफवाहों से बचने की अपील की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस आपदा पर गहरा शोक जताया है और हरसंभव सहायता देने का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और लगातार अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं।
घटना का मुख्य कारण खीरगंगा नदी के कैचमेंट क्षेत्र में भारी वर्षा और बादल फटना बताया जा रहा है। कई घर, बाजार और होटल पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं, जिससे सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। गंगोत्री धाम को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग भी पूरी तरह बाधित हो गया है।
प्रशासन ने बताया है कि आपातकालीन सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए जा रहे हैं। प्रभावित परिवार या उनके परिचित तुरंत प्रशासन या राहत टीमों से संपर्क करें।
यह आपदा एक बार फिर हिमालयी क्षेत्र की भूगर्भीय संवेदनशीलता और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता की ओर गंभीर संकेत करती है।