सेवा, सुरक्षा और संवेदना का परिचय – चारधाम यात्रा में खाकी बनी सहारा

हरि दर्शन का सहारा बनी खाकी

चारधाम यात्रा 2025 श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ आध्यात्मिक अनुभव नहीं, बल्कि आस्था और सेवा का संगम बनती जा रही है। इस वर्ष एक ऐसा ही दिल छू लेने वाला दृश्य सामने आया जब बदरीनाथ (बैकुंठ धाम) में एक दिव्यांग श्रद्धालु की मदद कर उत्तराखंड पुलिस और SDRF के जवानों ने मानवता की अनूठी मिसाल पेश की।

घटना का विवरण:

मध्य प्रदेश से आए एक वृद्ध दिव्यांग श्रद्धालु मंदिर की ऊँची-नीची सीढ़ियों को चढ़ने और उतरने में असमर्थ हो गए। उम्र, थकान और शरीर की सीमाओं के कारण उनके लिए दर्शन कर पाना लगभग असंभव लग रहा था। ऐसे समय पर ड्यूटी पर तैनात लीडिंग फायरमैन श्री प्रदीप त्रिवेदी ने न सिर्फ स्थिति को तुरंत पहचाना, बल्कि बिना समय गंवाए होमगार्ड और SDRF के जवानों के साथ मिलकर उस श्रद्धालु को सहारा देकर सुरक्षित रूप से मंदिर के दर्शन करवाए।

यह कोई सामान्य सहायता नहीं थी — यह कर्तव्य और करुणा का संगम था। जवानों की इस मदद से न केवल उस वृद्ध श्रद्धालु का मन प्रसन्न हुआ, बल्कि उनके साथ आए परिजन भी भावुक हो गए और उत्तराखंड पुलिस के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया।


सेवा, सुरक्षा और संवेदना – उत्तराखंड पुलिस का असली चेहरा

चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा, ट्रैफिक कंट्रोल, आपातकालीन सहायता, और तीर्थयात्रियों के लिए हर संभव सुविधा सुनिश्चित करने में उत्तराखंड पुलिस दिन-रात लगी हुई है। लेकिन जब बात आती है मानवीय मूल्यों की — वहां भी यह ‘खाकी वर्दी’ पीछे नहीं हटती।

यह घटना केवल एक उदाहरण है, लेकिन यह बताती है कि उत्तराखंड पुलिस न सिर्फ सुरक्षा बल है, बल्कि सेवा और संवेदनशीलता का प्रतीक भी है।

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