डिजिटल युग में जहां तकनीक ने हमारे जीवन को सरल और सुविधाजनक बना दिया है, वहीं दूसरी ओर इसके दुरुपयोग की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। खासकर डिजिटल धोखाधड़ी (Digital Frauds) के मामले आज हर वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रहे हैं — चाहे वे छात्र हों, वरिष्ठ नागरिक, व्यापारी या आम जनता। इसी महत्वपूर्ण विषय पर युवाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से यूनाइटेड ह्यूमन फाउंडेशन ने अपने जनहितकारी अभियान “डिजिटल साक्षर मिशन” के तहत राजकीय इंटर कॉलेज, किशनपुर (GIC Kishanpur), देहरादून में एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया।
इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य छात्रों को डिजिटल धोखाधड़ी के विभिन्न स्वरूपों, उनकी कार्यप्रणाली, और उनसे बचने के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी देना था ताकि वे आने वाले समय में किसी भी साइबर ठगी के शिकार न बनें।
इस अवसर पर देहरादून स्कूल ऑफ ऑनलाइन मार्केटिंग (DSOM) के विशेषज्ञ फैकल्टी श्री विकास शर्मा को मुख्य अतिथि एवं अतिथि व्याख्याता के रूप में आमंत्रित किया गया। श्री शर्मा ने अत्यंत रोचक शैली में छात्रों को डिजिटल फ्रॉड, उनके प्रकारों, साइबर अपराधियों की तकनीकों और बचाव के तरीकों की जानकारी दी। उन्होंने लाइव उदाहरणों और केस स्टडीज़ के माध्यम से छात्रों को विषय से जोड़ते हुए गहराई से समझाया।
सेमिनार की मुख्य झलकियाँ:
डिजिटल फ्रॉड के प्रकार – फ़िशिंग, OTP फ्रॉड, फेक वेबसाइट्स, सोशल मीडिया स्कैम आदि।
साइबर सुरक्षा उपाय – मजबूत पासवर्ड, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, अज्ञात लिंक से दूरी, निजी जानकारी की सुरक्षा।
छात्रों की सहभागिता – सत्र के दौरान छात्रों ने उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे और कई छात्रों ने व्यक्तिगत अनुभव भी साझा किए।
प्रश्नोत्तरी और पुरस्कार वितरण:
सेमिनार के अंत में छात्रों के बीच एक छोटी प्रश्नोत्तरी (Quiz Round) का आयोजन भी किया गया, जिसमें डिजिटल फ्रॉड और साइबर सुरक्षा से जुड़े प्रश्न पूछे गए। जिन छात्रों ने सही उत्तर दिए, उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
विद्यालय प्रधानाचार्य श्री डी.एस. नेगी का विशेष योगदान
इस सफल आयोजन में GIC किशनपुर के प्रधानाचार्य श्री डी.एस. नेगी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने न केवल सेमिनार के आयोजन में सहयोग प्रदान किया, बल्कि छात्रों को डिजिटल सुरक्षा के महत्व को समझाते हुए उन्हें जागरूक रहने की प्रेरणा भी दी।
श्री नेगी ने कहा, “आज के समय में छात्र जितने अधिक डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से जुड़े हुए हैं, उतना ही जरूरी है कि वे उसके खतरों से भी अवगत रहें। यूनाइटेड ह्यूमन फाउंडेशन का यह प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय है, और मैं चाहूंगा कि ऐसे सेमिनार समय-समय पर होते रहें।”
इस गतिविधि का उद्देश्य छात्रों को जानकारी के साथ-साथ उत्साहवर्धन भी करना था। पुरस्कार वितरण ने न सिर्फ छात्रों को प्रेरित किया, बल्कि उन्हें यह अहसास भी दिलाया कि ज्ञान और सतर्कता ही डिजिटल सुरक्षा की सबसे बड़ी कुंजी है।
एक छात्रा ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा, “यह अनुभव हमारे लिए न सिर्फ शैक्षिक रहा, बल्कि प्रेरणादायक भी था। हमने सीखा कि कैसे सतर्क रहकर हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।”
संस्था का उद्देश्य और भविष्य की योजना:
यूनाइटेड ह्यूमन फाउंडेशन का लक्ष्य है समाज के सभी वर्गों — विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों — को डिजिटल रूप से सक्षम और जागरूक बनाना। “डिजिटल साक्षर मिशन” के अंतर्गत संस्था आने वाले समय में कई अन्य विद्यालयों और महाविद्यालयों में इस प्रकार के सेमिनार आयोजित करने की योजना बना रही है।
संस्था के प्रतिनिधि ने बताया, “यह केवल एक शुरुआत है। हमारी कोशिश है कि उत्तराखंड के हर छात्र तक डिजिटल जागरूकता की यह मशाल पहुंचे।”
मुख्य अतिथि का संदेश:
श्री विकास शर्मा ने अपने समापन संदेश में कहा, “डिजिटल दुनिया जितनी उपयोगी है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है अगर हम सजग न रहें। यह देखकर खुशी होती है कि छात्र इस विषय को गंभीरता से ले रहे हैं। उनकी जागरूकता ही भारत को एक सुरक्षित डिजिटल राष्ट्र बनाने में मदद करेगी।”
समापन:
सेमिनार के सफल आयोजन पर विद्यालय प्रशासन, शिक्षकों एवं छात्रों ने यूनाइटेड ह्यूमन फाउंडेशन और श्री विकास शर्मा का आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में भी ऐसे ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों की मांग की।
संपर्क करें:
यूनाइटेड ह्यूमन फाउंडेशन
मो.: 9634039666
वेबसाइट: https://unitedhumanfoundation.org/