वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी है। इस सर्दी में उत्तराखंड सरकार Snow Leopard Tour शुरू करने जा रही है। इसका उद्देश्य राज्य में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना और लोगों को हिमालय की दुर्लभ जैव विविधता से रूबरू कराना है।
पर्यटन सचिव धीरज गर्ब्याल के अनुसार, यह टूर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान में शुरू किया जाएगा। सर्दियों में सीमित और नियंत्रित संख्या में पर्यटकों को प्रवेश दिया जाएगा। टूर की तारीखों की घोषणा जल्द की जाएगी।
क्यों खास है Snow Leopard ?
हिम तेंदुआ, जिसे पहाड़ों का भूत भी कहा जाता है, बेहद दुर्लभ और रहस्यमयी जीव है। बर्फीले और पथरीले इलाकों में इसका छिप जाना इसे देखना और भी कठिन बना देता है। प्राकृतिक वातावरण में हिम तेंदुए को देखना वन्यजीव प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए एक अनोखा अनुभव होता है।
यह टूर सख्त दिशानिर्देशों के तहत संचालित होगा, ताकि हिम तेंदुए और उनके आवास को किसी तरह का नुकसान न पहुंचे।
उत्तराखंड में हिम तेंदुए देखने के प्रमुख स्थान
उत्तराखंड के ऊँचे हिमालयी क्षेत्र हिम तेंदुओं के प्राकृतिक आवास माने जाते हैं। यहां कुछ ऐसे प्रमुख स्थल हैं, जहां नियंत्रित और जिम्मेदार पर्यटन के तहत हिम तेंदुए देखने की संभावना रहती है:
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गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान – विशाल ग्लेशियर, घने वन और ऊँचे पर्वतीय इलाके इसे हिम तेंदुओं के लिए आदर्श बनाते हैं।
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स्नो लेपर्ड कंजर्वेशन सेंटर, उत्तरकाशी – यह केंद्र हिम तेंदुए के संरक्षण, शोध और जागरूकता के लिए स्थापित किया जा रहा है, जहां पर्यटकों को जानकारी भी दी जाएगी।
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गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य – उत्तरकाशी का यह क्षेत्र हिम तेंदुओं के साथ-साथ कई दुर्लभ वन्यजीवों का घर है।
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नंदा देवी बायोस्फियर रिज़र्व – यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल, जहां का दुर्गम भू-भाग हिम तेंदुओं के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है।
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वैली ऑफ फ्लावर्स राष्ट्रीय उद्यान – प्रसिद्ध फूलों की घाटी के आसपास के ऊँचे क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की मौजूदगी दर्ज की गई है।
इन सभी स्थानों पर पर्यटन गतिविधियां सख्त नियमों और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर ही संचालित की जाएंगी।
टूर के साथ मिलेंगे ये खास शीतकालीन अनुभव
Uttarakhand Snow Leopard Tour, केवल वन्यजीव दर्शन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह राज्य की व्यापक शीतकालीन पर्यटन योजना का हिस्सा होगा। इसके तहत पर्यटकों को सर्दियों में उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और साहसिक गतिविधियों का भी अनुभव मिलेगा।
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मसूरी, नैनीताल और उत्तरकाशी में विंटर कार्निवल का आयोजन किया जाएगा, जहां स्थानीय संस्कृति, भोजन और संगीत से पर्यटक रूबरू हो सकेंगे।
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ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव आयोजित होगा, जो आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा।
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जिम कॉर्बेट, नंदौर और गंगोत्री क्षेत्रों में वन्यजीव पर्यटन को भी बढ़ाया जाएगा।
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रोमांच पसंद करने वालों के लिए औली, खलिया टॉप और बेदनीधार में स्कीइंग, ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग और रैपलिंग जैसी गतिविधियां प्रस्तावित हैं।
इस तरह यह टूर प्रकृति, रोमांच और संस्कृति — तीनों का संतुलित अनुभव प्रदान करेगा।
उत्तराखंड सरकार की यह पहल न केवल शीतकालीन पर्यटन को नई दिशा देगी, बल्कि हिमालयी क्षेत्रों में जिम्मेदार और सतत पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। नियंत्रित ढंग से संचालित Snow Leopard Tour के जरिए पर्यटक प्रकृति के बेहद करीब पहुंच सकेंगे, वहीं हिम तेंदुए जैसे संकटग्रस्त वन्यजीवों और उनके आवास का संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाएगा।
