भारत ने अपनी वायु शक्ति (Air Power) को तेज़ी से बढ़ाने के लिए France की Dassault Aviation कंपनी से 114 Rafale Fighter Jets की कीमत (Pricing) मांगी है। यह कदम एक Direct Government-to-Government (G2G) Deal की दिशा में बड़ा संकेत माना जा रहा है, जिससे भारतीय वायुसेना (IAF) को जल्द नई ताकत मिलेगी।
IAF की तात्कालिक जरूरतें
अगस्त 2025 में भेजे गए इस Formal Price Request से भारत का मकसद अपनी Combat Capability को तेज़ी से बढ़ाना है। फिलहाल IAF के पास सिर्फ 36 Rafale Jets हैं, जो 2016 की डील के तहत मिले थे। लेकिन मौजूदा समय में भारत के पास केवल 29 Squadrons हैं, जबकि ज़रूरत 42 Squadrons की है। चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरे को देखते हुए यह कमी गंभीर मानी जा रही है।
MRFA Tender Process से अलग रास्ता
यह अनुरोध मौजूदा MRFA (Multi-Role Fighter Aircraft) Program से अलग है, जिसमें 20 बिलियन डॉलर की वैल्यू के साथ कई ग्लोबल कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। लेकिन MRFA की प्रक्रिया लंबी और जटिल है। इसलिए भारत अब Direct G2G Deal के ज़रिए Dassault Aviation से सीधे बातचीत कर रहा है ताकि Jet Delivery तेज़ी से हो सके।
Rafale – Proven Fighter for India
Rafale Fighter Jet पहले से ही Ambala और Hasimara Airbases पर ऑपरेशनल हैं। यह Aircraft Air Superiority, Deep Strike और Nuclear Deterrence जैसी तीनों भूमिकाओं में सक्षम है।
Operation Sindoor (2025) के दौरान Rafale ने अपनी Combat Performance साबित की, जिससे यह IAF के लिए सबसे भरोसेमंद Fighter बन गया।
Two New Squadrons से लेकर 114 तक की Mega Deal
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 40 Jets दो नई Squadrons के लिए पर्याप्त होंगे, जबकि 114 Rafales का सौदा भारत के इतिहास की सबसे बड़ी Fighter Jet Acquisition बन सकता है। इससे Dassault Aviation को भी बड़ा Production Boost मिलेगा, और भारत Rafale Ecosystem का ग्लोबल हब बन सकता है।
Make in India का नया चरण
यह डील केवल Aircraft खरीद तक सीमित नहीं है। Dassault पहले से Tata Advanced Systems Ltd (TASL) के साथ साझेदारी में Rafale Fuselage Production का काम Hyderabad में कर रहा है। इससे भारत की Make in India Initiative को नई गति मिलेगी और लोकल इंडस्ट्री में रोजगार और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के अवसर बढ़ेंगे
Negotiations और Technology Transfer
2025 के अंत तक भारत और फ्रांस के बीच Negotiation Phase शुरू होने की उम्मीद है। इसमें भारत Astra और Rudram Missiles के Integration की अनुमति मांग सकता है।
France इसपर Source Code Access को लेकर सतर्क है, लेकिन बातचीत से Technology Collaboration को नया आयाम मिल सकता है।
Delivery Timeline और Future Plans
अगर सबकुछ तय योजना के अनुसार हुआ, तो
- FY 2026 तक Contract Sign हो सकता है,
- FY 2027–28 में Initial Deliveries शुरू होंगी, और
- 2030 तक Full Induction पूरा हो जाएगा।
इस दौरान Tata Advanced Systems भारत में Partial Assembly भी शुरू करेगी, जिससे लोकल प्रोडक्शन और Maintenance Ecosystem मजबूत होगा।
Rafale और Future Air Power Vision
IAF की मौजूदा Fleet में Su-30 MKI, Tejas Mk1A, और आगामी AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) शामिल हैं।
Rafale की उपलब्धता और साबित हुई क्षमता इसे Su-57 या F-35 जैसे विकल्पों पर बढ़त देती है।
इससे भारत की Air Dominance Strategy और Regional Security Posture दोनों मजबूत होंगे।
Strategic Importance for India and France
यह डील न केवल India-France Defence Partnership को गहरा करेगी, बल्कि भारत को एक आत्मनिर्भर और मजबूत Aerospace Power बनाएगी।
साथ ही, Hyderabad MRO Facility के ज़रिए M-88 Engines की सर्विसिंग भारत में ही होगी, जिससे ऑपरेशनल रेडीनेस और बढ़ेगी।
निष्कर्ष
भारत का यह कदम उसकी रक्षा नीति में एक निर्णायक बदलाव का संकेत है।
Direct G2G Rafale Deal न केवल IAF Fleet को मज़बूती देगी बल्कि Make in India के लक्ष्य को भी आगे बढ़ाएगी।
अगर यह डील पूरी होती है, तो यह भारत के इतिहास की सबसे बड़ी Fighter Jet खरीद साबित होगी और आने वाले दशक में Indian Air Power Modernisation की रीढ़ बनेगी।