पहलगाम आतंकी हमला: 2008 के बाद सबसे भीषण नागरिक हमला, 26 की मौत

Pahalgam attack

पहलगाम, जम्मू-कश्मीर – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित प्रसिद्ध बैसारन घाटी में सोमवार दोपहर आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। यह 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे भीषण हमला माना जा रहा है।

मृतकों में 25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली पर्यटक शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने बिना किसी चेतावनी के पर्यटकों पर गोलियां बरसाईं और फिर मौके से फरार हो गए, जिससे वहां अफरा-तफरी और भय का माहौल बन गया।

इस हमले की जिम्मेदारी “कश्मीर रेजिस्टेंस” नामक एक कम ज्ञात आतंकी संगठन ने ली है। इस संगठन ने एक ऑनलाइन बयान में दावा किया कि यह हमला कश्मीर में भारत की “सेटलर पॉलिसी” के खिलाफ किया गया है। उनका इशारा केंद्र सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने और बाहरी निवेश को आकर्षित करने की नीति की ओर था।

हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह समूह पाकिस्तान-समर्थित आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा या हिजबुल मुजाहिदीन का मुखौटा हो सकता है। पूरे अनंतनाग और आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और जांच जारी है।

इस हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो उस समय सऊदी अरब की यात्रा पर थे, ने अपनी यात्रा बीच में छोड़ दी और दिल्ली लौटकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी श्रीनगर पहुंचे हैं और हालात का जायज़ा ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “निर्दोष पर्यटकों पर किया गया यह हमला कायरता और क्रूरता का प्रतीक है। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक दोषियों को सज़ा नहीं मिलती।”

गृह मंत्रालय ने देशभर में पर्यटक स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस हमले के बाद घाटी में पर्यटन पर बुरा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। कई यात्राएं रद्द हो चुकी हैं।

यह हमला न केवल कश्मीर में आतंकवाद की वापसी की चिंता बढ़ाता है, बल्कि भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव भी गहरा सकता है। देश इस दर्दनाक क्षति पर शोक में डूबा है और अब यह सवाल उठने लगे हैं कि घाटी की सुरक्षा व्यवस्था को कैसे और मजबूत किया जाए।

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