Maa Mundeshwari Bhavani Shaktipeeth Temple: भारत में कई प्राचीन मंदिर अपने रहस्यों और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं। बिहार के कैमूर जिले में स्थित मां मुंडेश्वरी भवानी शक्तिपीठ (Maa Mundeshwari Temple in Bihar) भी ऐसा ही एक मंदिर है, जो 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यह मंदिर न केवल अपनी miracle story के लिए बल्कि अपनी unique bali tradition के कारण भी प्रसिद्ध है।
बिना खून की बलि देने की अनोखी परंपरा
इस मंदिर में satvik bali system का पालन किया जाता है। यहां बकरे को मां भवानी के सामने रखा जाता है और पंडित अक्षत व रोली से पूजा कर मंत्र पढ़ते हैं। इसके बाद बकरे पर पानी की छींटे मारे जाते हैं, जिससे वह बेहोश होकर गिर जाता है। कुछ देर बाद जब बकरा होश में आ जाता है, तो उसे छोड़ दिया जाता है।
यहां किसी भी पशु को नुकसान नहीं पहुंचाया जाता — यह पूरी तरह non-violent sacrifice है। माना जाता है कि मां भवानी इस symbolic bali से प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
मां मुंडेश्वरी नाम की कथा
मान्यता है कि मां ने asura Mund का वध करने के लिए अवतार लिया था। उसी कारण उन्हें Maa Mundeshwari कहा गया। भक्त यहां नारियल और लाल चुनरी चढ़ाकर मां का आशीर्वाद लेते हैं। यह मंदिर लगभग 5वीं शताब्दी में निर्मित माना जाता है, जो इसे भारत के सबसे प्राचीन जीवित मंदिरों में शामिल करता है।
मंदिर का महत्व
यह शक्तिपीठ Pawara Hill के शिखर पर स्थित है। भक्त सीढ़ियों के माध्यम से ऊपर जाकर दर्शन करते हैं। हर साल देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु यहां spiritual energy और positive vibrations का अनुभव करने आते हैं।