तेजस MK-1A: इंजन सप्लाई में देरी के बीच अक्टूबर में पहली उड़ान की तैयारी
भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम TEJAS MK-1A अब अपने महत्वपूर्ण चरण में है। Hindustan Aeronautics Limited (HAL) चौथे GE-404 engine की डिलीवरी का इंतजार कर रही है, जो जल्द ही मिलने की संभावना है। इसी इंजन पर अक्टूबर 2025 में तय पहली उड़ान निर्भर है।
हाल ही में तीसरा इंजन HAL को मिल चुका है, लेकिन चौथे इंजन में देरी होने से डिलीवरी शेड्यूल प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद HAL की Nashik production facility पूरी तरह तैयार है।
भारतीय वायुसेना को जल्द मिलेगा पहला तेजस MK-1A
अगले महीने Indian Air Force (IAF) को दो TEJAS MK-1A handed over किए जाने की योजना है। इनमें से एक fighter aircraft पहले से ही तैयार है।
इंजन सप्लाई चेन बनी चुनौती
अमेरिकी इंजन शिपमेंट में देरी से प्रोडक्शन शेड्यूल प्रभावित हुआ है। HAL का लक्ष्य है कि अक्टूबर से इंजन सप्लाई कम से कम दो प्रति माह हो जाए, जिससे उत्पादन और डिलीवरी तेज हो सके। यह IAF के combat capability gap को भरने के लिए बेहद ज़रूरी है, खासकर MiG-21 retirement के बाद।
बड़े कॉन्ट्रैक्ट पर तेजी
113 GE F-404 engines के लिए डील को हाल ही में Cabinet Committee on Security (CCS) से मंजूरी मिल चुकी है। कॉस्ट नेगोसिएशन पूरा हो चुका है और कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर अक्टूबर 2025 तक होने की संभावना है। यह डील 97 अतिरिक्त TEJAS MK-1A jets के उत्पादन को 2030 के दशक तक सपोर्ट करेगी।
अपग्रेड और वेपन इंटीग्रेशन
नए TEJAS MK-1A में digital fly-by-wire flight control system शामिल किया गया है। इसके अलावा हथियार परीक्षण भी पूरे हो चुके हैं, जिनमें स्वदेशी Astra missile और ब्रिटिश ASRAAM missile की सफल टेस्टिंग हुई।
MK-2 पर भी काम तेज
इसके साथ ही TEJAS MK-2 प्रोजेक्ट भी प्रगति पर है, जिसमें ज्यादा पावरफुल GE F-414 engine का इस्तेमाल होगा। 10 इंजन HAL को पहले ही मिल चुके हैं और 2027 में इसका पहला रोलआउट तय है।
निष्कर्ष
HAL की तैयारियां इस बात का संकेत हैं कि इंजन सप्लाई चेन में चुनौतियों के बावजूद TEJAS MK-1A program स्थिर गति से आगे बढ़ रहा है। अक्टूबर 2025 में पहली उड़ान और IAF को डिलीवरी भारतीय वायुसेना की आधुनिकता की दिशा में बड़ा कदम होगा।