देहरादून (Dehradun) न्यूज: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चार पर्वतीय जिलों में Earthquake (भूकंप) के कारण Landslide (भूस्खलन) का खतरा तेजी से बढ़ गया है। IIT Roorkee (आईआईटी रुड़की) के विशेषज्ञों ने एक विस्तृत Research Report (शोध रिपोर्ट) जारी की है, जिसमें Rudraprayag (रुद्रप्रयाग) जिले को सबसे अधिक Sensitive (संवेदनशील) बताया गया है।
यह शोध रिपोर्ट दो अगस्त को अंतरराष्ट्रीय Journal (जर्नल) में प्रकाशित हुई है। यह पहली बार है जब जिलावार Seismic Activity (भूकंपीय गतिविधि) और भूस्खलन के खतरे का गहन अध्ययन किया गया है।
रुद्रप्रयाग जिला सबसे संवेदनशील
अध्ययन में पाया गया कि Rudraprayag जिला हर परिदृश्य में सबसे अधिक High Risk Zone (उच्च जोखिम क्षेत्र) में है। इसके बाद Pithoragarh (पिथौरागढ़), Chamoli (चमोली) और Uttarkashi (उत्तरकाशी) जिलों में भारी भूस्खलन की आशंका जताई गई है।
विशेषज्ञों का बयान
शोध टीम के अक्षत वशिष्ठ, शिवानी जोशी, और श्रीकृष्ण सिवा सुब्रमण्यम ने बताया कि Himalayan Region (हिमालयी क्षेत्र) भूकंपीय गतिविधियों के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। यहां अक्सर Landslide Incidents (भूस्खलन की घटनाएं) देखने को मिलती हैं।
उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर बड़े भूकंप आते हैं, तो Earthquake-Triggered Landslides (भूकंप से प्रेरित भूस्खलन) राज्य में Natural Disaster (प्राकृतिक आपदा) का गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।
भविष्य के लिए चेतावनी
रिपोर्ट में पहली बार District-Level Zoning (जिला स्तर पर ज़ोनिंग) की गई है। इसमें विभिन्न Seismic Intensity Scenarios (भूकंपीय तीव्रता परिदृश्य) और Earthquake Return Period (भूकंप की वापसी अवधि) के आधार पर खतरे का आकलन किया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ही Disaster Preparedness (आपदा तैयारी) नहीं की गई, तो भविष्य में यह स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
लोगों के लिए सलाह
प्रशासन और विशेषज्ञों ने पहाड़ी जिलों में रहने वाले लोगों को Alert (सतर्क) रहने और Earthquake Safety Measures (भूकंप सुरक्षा उपाय) अपनाने की सलाह दी है।