During the 2025 lunar eclipse (Chandra Grahan), temples across Uttarakhand including the Char Dham will remain closed due to the Sutak period. Find out when temple doors will reopen and key rituals to follow.
उत्तराखंड में चंद्रग्रहण का असर: चारधाम और प्रमुख मंदिरों के कपाट सूतक काल में किए गए बंद, अब 8 सितंबर को खुलेंगे
उत्तराखंड (Uttarakhand) में रविवार, 7 सितंबर 2025 को लगने वाले Chandra Grahan (Lunar Eclipse) के कारण Char Dham – बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री सहित प्रदेशभर के सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट (Doors) सूतक काल की शुरुआत होते ही बंद कर दिए गए।
धार्मिक मान्यताओं (Religious Beliefs) के अनुसार, ग्रहण (Eclipse) से लगभग 9 घंटे पहले Sutak Period शुरू हो जाता है। इसी परंपरा के अनुसार रविवार दोपहर 12:58 PM पर मंदिरों को श्रद्धालुओं (Devotees) के लिए बंद कर दिया गया।
कौन-कौन से मंदिर रहे बंद?
बद्री-केदार मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश चंद्र गौड़ के अनुसार, पंचकेदार के गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, त्रियुगीनारायण, कालीमठ और अन्य कई मंदिर भी बंद कर दिए गए। ग्रहण काल के दौरान किसी भी मंदिर में पूजा-पाठ या दर्शन की अनुमति नहीं होगी।
कब लगेगा चंद्रग्रहण?
बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि चंद्रग्रहण रविवार रात 9:56 PM से प्रारंभ होगा। इसके प्रभाव से ज्योतिर्मठ का नृसिंह मंदिर, पांडुकेश्वर का योग बदरी और भविष्य बदरी मंदिर भी बंद रहेंगे।
कब खुलेंगे मंदिर?
सोमवार, 8 सितंबर की सुबह गर्भगृह (Sanctum Sanctorum) की शुद्धि और साफ-सफाई के बाद धार्मिक परंपराओं का पालन करते हुए मंदिरों के कपाट पुनः खोले जाएंगे। इसके बाद श्रद्धालु फिर से दर्शन और पूजा कर सकेंगे।
हरिद्वार और गंगा आरती पर असर
हरिद्वार (Haridwar) की हरकी पैड़ी पर होने वाली गंगा आरती भी ग्रहण के चलते प्रभावित रही। परंपरागत शाम की आरती इस बार नहीं हो सकी। रविवार दोपहर में ही आरती कर ली गई, और सोमवार को ग्रहण समाप्ति के बाद फिर से गंगा आरती विधिवत की जाएगी।