भारत सरकार के Defence Ministry ने देश के Private Sector के लिए एक बड़ा दरवाज़ा खोल दिया है। अब भारत में Missile, Ammunition, और Artillery Shells का उत्पादन केवल सरकारी कंपनियों तक सीमित नहीं रहेगा। यह फैसला Aatmanirbhar Bharat Initiative के तहत लिया गया है ताकि भारत को रक्षा क्षेत्र में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
Major Policy Reform
इस नई नीति के तहत, सरकार ने Revenue Procurement Manual (RPM) में बड़ा बदलाव किया है। अब किसी भी Private Defence Company को बम या गोला-बारूद बनाने के लिए Munitions India Limited (MIL) से No Objection Certificate (NOC) लेने की ज़रूरत नहीं होगी। इससे निजी क्षेत्र को स्वतंत्र रूप से अपनी Ammunition Production Units स्थापित करने की अनुमति मिल जाएगी।
Wider Range of Ammunition Allowed
निजी कंपनियां अब 105mm, 130mm, और 155mm Artillery Shells, Pinaka Rockets, 1,000-pound General Purpose Bombs, Mortar Bombs, Hand Grenades, और Medium तथा Small Calibre Rounds का निर्माण कर सकेंगी। इससे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और Supply Chain भी मजबूत होगी।
Missile Manufacturing अब Private Sector के लिए खुला
Defence Ministry ने DRDO (Defence Research and Development Organisation) को सूचित किया है कि अब निजी उद्योग भी Missile Development और Integration में भाग ले सकते हैं।
पहले केवल BDL (Bharat Dynamics Limited) और BEL (Bharat Electronics Limited) जैसी सरकारी कंपनियां ही Missile Manufacturing करती थीं। लेकिन अब यह नीति बदल गई है।
Inspired by Operation Sindoor
इस बदलाव के पीछे हाल ही के Operation Sindoor से मिले सबक भी अहम हैं। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय सेना ने महसूस किया कि आधुनिक युद्ध में Long-Range Precision Weapons और Missile-Based Capability की भूमिका सबसे ज्यादा है।
इसी ऑपरेशन में पाकिस्तान ने Chinese Long-Range Missiles का इस्तेमाल किया, जिससे भारत को अपने घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हुई।
Strategic & Conventional Missiles
सरकार ने स्पष्ट किया है कि Strategic Missile Programs (जैसे कि Nuclear Role वाले) अभी भी DRDO के नियंत्रण में रहेंगे। लेकिन Conventional Missiles जैसे BrahMos, Nirbhay, Pralay और Shaurya अब Private Sector द्वारा भी विकसित और निर्मित किए जा सकेंगे।
Operation Sindoor में S-400 की भूमिका
ऑपरेशन के दौरान भारत की S-400 Air Defence System ने पाकिस्तान के ELINT Aircraft को लगभग 314 किलोमीटर दूर मार गिराया। यह घटना दिखाती है कि भविष्य के युद्धों में Air Dominance पारंपरिक Dogfighting Aircrafts पर नहीं, बल्कि Advanced Missile Networks और Over-the-Horizon Capabilities पर निर्भर करेगी।
Global Context और Aatmanirbhar Bharat
विश्व स्तर पर Ukraine War और Israel-Gaza Conflict जैसी परिस्थितियों ने Missiles और Ammunition की मांग को बढ़ा दिया है। ऐसे में भारत अब किसी भी विदेशी सप्लाई पर निर्भर नहीं रहना चाहता।
Defence Ministry का उद्देश्य है कि भारत का Industrial Base इतना मजबूत बने कि लंबे समय तक युद्ध की स्थिति में भी देश को बाहरी सहायता की ज़रूरत न पड़े।
Conclusion
इस कदम से दो बड़े लक्ष्य पूरे होंगे —
सशस्त्र बलों को गोला-बारूद और मिसाइल की Uninterrupted Supply मिलती रहे।
Private Defence Sector को बढ़ावा देकर भारत को Defence Manufacturing Hub बनाया जा सके।
यह फैसला न केवल Atmanirbhar Bharat Vision को मजबूत करेगा बल्कि भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक नई पहचान भी दिलाएगा।