नेपाल में 2.5 साल की बच्ची Aryatara Shakya बनी Living Goddess ‘कुमारी’, जानें क्या है पूरी Tradition

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नेपाल में नई Nepal Living Goddess Kumari

नेपाल में सदियों पुरानी Tradition के तहत ढाई साल की बच्ची आर्यतारा शाक्य (Aryatara Shakya) को देश की नई Nepal Living Goddess Kumari घोषित किया गया है। यह परंपरा हिंदू देवी तलेजु भवानी (Taleju Bhawani) से जुड़ी हुई है जिन्हें मां दुर्गा का रूप माना जाता है।

Nepal Living Goddess Kumari बनने की Process

‘कुमारी’ का चयन 2 से 5 साल की उम्र की बच्चियों में से किया जाता है। इसके लिए पारंपरिक Tantric rituals, ज्योतिषीय मूल्यांकन और Courage Test शामिल होते हैं। Courage Test में बच्ची को बलि के बाद नकाबपोश पुरुषों के बीच ले जाया जाता है ताकि यह देखा जा सके कि उसमें Fearless Quality है या नहीं।

आर्यतारा शाक्य का चयन

ढाई साल की आर्यतारा शाक्य ने सभी टेस्ट पास किए और अब वह पूर्व कुमारी तृष्णा शाक्य की उत्तराधिकारी बनी हैं। काठमांडू के Kumari Ghar में उनकी औपचारिक पूजा हुई। इस अवसर पर हजारों भक्तों ने नई Nepal Living Goddess Kumari के दर्शन किए।

Nepal Living Goddess Kumari की Life और Restrictions

चुनी गई कुमारी अपने Parents के घर से निकलकर खास ‘Kumari House’ में रहती है। यहां Modern Facilities नहीं होतीं। माता-पिता अपनी बेटी से सिर्फ 13 धार्मिक अवसरों पर मिल सकते हैं।

Cultural Significance of Nepal Living Goddess Kumari

Nepal की ‘Living Goddess Kumari’ न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि यह देश की Cultural Heritage और National Identity का भी प्रतीक है। माना जाता है कि Kumari के दर्शन से Good Fortune मिलता है।

Modern Changes in the Tradition

हाल के वर्षों में इस Tradition में बदलाव आए हैं। अब कुमारी देवियों को Private Teachers से पढ़ाई करने और TV रखने की अनुमति है। Nepal Government उन्हें Retirement के बाद Pension भी देती है।

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