धार्मिक पर्यटन को नई उड़ान देने जा रहे सीएम योगी, 4560 करोड़ की महायोजना से बदलेगा धार्मिक स्थलों का स्वरूप
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को एक नई दिशा देने के लिए ₹4560 करोड़ की बड़ी विकास योजना शुरू करने जा रहे हैं। यह महात्वाकांक्षी योजना राज्य भर में धार्मिक और आध्यात्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण, पुनर्निर्माण और सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित है, जिससे उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आस्था आधारित पर्यटन की छवि को नया आयाम मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश की आध्यात्मिक विरासत और प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े स्थलों का भव्यता के साथ विकास किया जाए। सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जिसके तहत पौराणिक, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के संरक्षण और प्रचार-प्रसार पर बल दिया जा रहा है।
इस मेगा योजना के तहत अयोध्या, काशी (वाराणसी), मथुरा-वृंदावन, चित्रकूट, नैमिषारण्य, विंध्याचल, शुक्रतीर्थ सहित कई प्रमुख धार्मिक स्थलों का व्यापक कायाकल्प किया जाएगा। सरकार श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी, सुविधाजनक व्यवस्थाएं और आधुनिक ढांचे के विकास पर काम कर रही है, जिसमें सड़कों का निर्माण, ठहरने की व्यवस्था, स्वच्छता व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था और टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर्स शामिल हैं।
यह योजना स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी लेकर आएगी, क्योंकि धार्मिक स्थलों पर बढ़ती आवाजाही से पर्यटन से जुड़े छोटे और मध्यम व्यवसायों को लाभ होगा। खासकर हस्तशिल्प, स्थानीय व्यंजन और टूर सेवाओं से जुड़े उद्योगों को नई ऊर्जा मिलेगी।
योजना में आधुनिक तकनीक के साथ विरासत संरक्षण को भी जोड़ा गया है। डिजिटल साइनेज, मोबाइल एप्स, ई-गाइड्स और ऑगमेंटेड रियलिटी जैसे साधनों का उपयोग कर श्रद्धालुओं और पर्यटकों को इन पवित्र स्थलों की समृद्ध जानकारी दी जाएगी।
योगी सरकार की यह पहल न सिर्फ पर्यटन से आय बढ़ाने की दिशा में है, बल्कि इन प्राचीन आस्था केंद्रों की आध्यात्मिक ऊर्जा को पुनर्जीवित करने की भी है। यह योजना भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए सांस्कृतिक शिक्षा और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खोलेगी।